टोक्यो आई एक युवती का मर्दवादी स्वभाव रात की बस में लाइट बंद होने के बाद सामने आता है! जब वो जागती है, तो अचानक फ्रेंच किस और बिना इजाज़त के उसकी उँगलियों से उसकी आवाज़ बंद हो जाती है! उसकी उँगलियों से बेरहमी से छेड़खानी होने पर वो खुशी के आँसू बहाती है और शर्म से भीग जाती है! "मैं नहीं चाहती..." वो कहती है, उसका शरीर काँपता है और वो चरमसुख में छटपटाती है! ऐसी स्थिति में जहाँ वो आवाज़ भी नहीं निकाल पाती, वो दर्द के आनंद से जागती है और मर्दवादी समाधि में चली जाती है! बच निकलने में नाकाम, वो एक सेक्स स्लेव बन जाती है और स्वार्थी तरीके से क्रीमपाई करती है!!